Uttar Pradesh

StateCommission

A/1630/2017

Jagdev Verma - Complainant(s)

Versus

Bank Of Baroda - Opp.Party(s)

S.K. Shukla

08 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1630/2017
( Date of Filing : 11 Sep 2017 )
(Arisen out of Order Dated 28/01/2017 in Case No. C/118/2003 of District Pratapgarh)
 
1. Jagdev Verma
Pratapgarh
...........Appellant(s)
Versus
1. Bank Of Baroda
Pratapgarh
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 Sep 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1630/2017

जगदेव वर्मा पुत्र श्री राम समुझे वर्मा, निवासी ग्राम बढ़ईपुर, पोस्‍ट किठावर, परगना व तहसील सदर, जनपद, प्रतापगढ़, (उ0प्र0)।

                             अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्  

शाखा प्रबन्‍धक, बैंक आफ बड़ौदा, शाखा पूरबगॉंव, परगना व तहसील सदर, जनपद, प्रतापगढ़, उ0प्र0 तथा दो अन्‍य।

                      प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

 

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित       : श्री एस0के0 शुक्‍ला,

                                                     विद्वान अधिवक्‍ता।  

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित      : कोई नहीं।

दिनांक:  08.09.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.          अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0के0 शुक्‍ला को अपील की ग्राह्यता पर विस्‍तार से सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.                    परिवाद संख्‍या-118/2003, जगदेव वर्मा बनाम शाखा प्रबन्‍धक, बैंक आफ बड़ौदा तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.01.2017 के विरूद्ध यह अपील दिनांक 11.09.2017 को अत्‍यधिक विलम्‍ब से योजित की गई है।

3.          सर्वप्रथम इस बिन्‍दु पर विचार किया जाता है कि यह अपील प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.01.2017 के विरूद्ध दिनांक 11.09.2017 को योजित की गई है। अत: स्‍पष्‍ट है कि अपील अत्‍यधिक देरी से प्रस्‍तुत की गई

 

-2-

है और इस देरी का कोई आधार दर्शित नहीं किया गया है। देरी माफी आवेदन में जो आधार वर्णित हैं, वह देरी माफ करने के लिए पर्याप्‍त नहीं हैं।

4.          अपील प्रस्‍तुत करने में हुई देरी माफ होने योग्‍य नहीं है। अत: इस आधार पर अपील निरस्‍त होने योग्‍य है, परन्‍तु यह उल्‍लेख करना समीचीन होगा कि परिवाद पत्र में वाद कारण वर्ष 1996 का दर्शाया गया है, जबकि परिवाद वर्ष 2003 में प्रस्‍तुत किया गया है। अत: विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग का यह निष्‍कर्ष भी विधिसम्‍मत है कि परिवाद अत्‍यधिक देरी से प्रस्‍तुत किया गया है, जो उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 24क के प्रावधानों के विपरीत है। प्रस्‍तुत अपील अंगीकरण के स्‍तर पर ही निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

5.             प्रस्‍तुत अपील तदनुसार निरस्‍त की जाती है।

            अपीलार्थी अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगें।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुशील कुमार)                        (विकास सक्‍सेना)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

      कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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