Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/11

EM Pee Motors Ltd - Complainant(s)

Versus

B.S Agriculture Industries India - Opp.Party(s)

V.S. Bisaria

03 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/11
( Date of Filing : 03 Jan 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. EM Pee Motors Ltd
-
...........Appellant(s)
Versus
1. B.S Agriculture Industries India
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Mar 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-11/2014

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-41/2010 में पारित निर्णय दिनांक 25.11.2013 के विरूद्ध)

ईएम पीईई मोटर्स लि0 व एक अन्‍य। ........अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

 

बी0एस0 एग्रीकल्‍चर इंडस्‍ट्रीज इंडिया व दो अन्‍य।

                                    ......प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक 19.04.2023

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 41/2010 वी0एस0 एग्रीकल्‍चर इंडस्‍ट्रीज बनाम टोयटा किर्लोस्‍कर मोटर व अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 25.11.2013 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। परिवादी ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि वाहन के क्षतिग्रस्‍त होने पर अंकन रू. 178312/- की राशि अदा की जाए। अनुचित व्‍यापार अपनाने के कारण रू. 5000/- तथा मानसिक प्रताड़ना के मद में रू. 5000/- एवं परिवाद व्‍यय के रूप में रू. 3000/- अदा करने के लिए भी आदेशित किया गया है।

2.   परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने नई इनोवा कार 01.09.06 को रू. 840360/- विपक्षी संख्‍या 2 से क्रय की थी, जो विपक्षी संख्‍या 1 का अधिकृत विक्रेता है। दि. 25.08.2008 को यह

-2-

गाड़ी चंडीगढ़ में रिश्‍तेदार के यहां खड़ी की थी, सुबह 4 बजे 29.05.2008 को इस गाड़ी में आग लग गई। इस वाहन को विपक्षी संख्‍या 1 के अधिकृत सर्विस सेन्‍टर विपक्षी संख्‍या 3 के यहां रिपेयर के लिए भेजा गया। इंश्‍योरेंस कंपनी द्वारा सर्वेयर भेजा गया, जिनके द्वारा रू. 407774/- की क्षति का आंकलन किया गया। विपक्षी संख्‍या 3 द्वारा दि. 15.10.2008 को यह सूचना दिया कि 20.10.08 को वाहन की डिलेवरी ले ले। दि.  20.10.08 को परिवादी अपने ड्राइवर को लेकर विपक्षी संख्‍या 3 के यहां चंडीगढ़ गया, परन्‍तु विपक्षी संख्‍या 3 ने रिपेयर कार्य पूर्ण होने से इंकार किया और दो-तीन दिन का समय बताया। ड्राइवर को मौके पर छोड़ दिया गया, जो 27.10.2008 को वापस आ गया। अनेक बार विपक्षी संख्‍या 3 द्वारा समय बढ़ाया गया, अंतत: 12.11.2008 को वाहन की डिलेवरी दी गई। इस विलम्‍ब के कारण अत्‍यधिक मानसिक पीड़ा हुई। कुछ पुराने पार्टस लगा दिए गए, कुछ पार्टस बदले नहीं गए, लेकिन बिल बना दिया गया। प्‍लास्टिक के फ्लैक्‍स बदलने पर टूटे ही रहे। बीमा कंपनी द्वारा सभी प्रकार की कटौती के बाद रू. 173470/- का क्‍लेम मंजूर किया और परिवादी को केवल रू. 170351/- दिए गए, जबकि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 3 को रू. 368663/- का भुगतान किया। इस वाहन में उत्‍पादन संबंधी त्रुटि के कारण आग लगी है। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या 1 के अधिकृत रिपेयर सेन्‍टर पर ही सर्विस कराई गई, इसलिए परिवादी को अत्‍यधिक आर्थिक हानि उठानी पड़ी।

3.   विपक्षी संख्‍या 1 का कथन है कि परिवादी उनका उपभोक्‍ता नहीं

 

-3-

है, बीमा कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया। परिवादी बीमा कंपनी से

धन प्राप्‍त कर चुका है। परिवादी की गाड़ी वारंटी के अंतर्गत नहीं आती। विपक्षी संख्‍या 2 लगायत 4 ने भी आपत्ति प्रस्‍तुत की है।

4.   सभी पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी की गई है। वाहन में वायरिंग तथा एसेसरीज उचित रूप से प्रयुक्‍त नहीं हुई, इसलिए परिवादी को बीमा कंपनी से जो राशि प्राप्‍त हुई है उसकी कटौती करने के पश्‍चात अवशेष राशि विपक्षीगण द्वारा देय है। तदनुसार अंकन रू. 178312/- अदा करने का आदेश दिया गया है।

5.   इस निर्णय के विरूद्ध अपील टोयटा किर्लोस्‍कर मोटर द्वारा प्रस्‍तुत की गई है। अपील के ज्ञापन में उल्‍लेख है कि जिला उपभोक्‍ता मंच आगरा को सुनवाई का अधिकार नहीं था, क्‍योंकि आगरा में कोई भी वाद कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ। वाहन पूर्णत: जली हुई हालत में मरम्‍मत के लिए आया था, इसलिए मरम्‍मत में 2 माह का समय लगना आवश्‍यक था। वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष नहीं था। निर्माण संबंधी दोष की विशिष्‍ट रूप से कोई उल्‍लेख नहीं किया गया है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने अवैधानिक रूप से निर्णय पारित किया है।

6.   केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

7.   सर्वप्रथम इस बिन्‍दु पर विचार किया जाता है कि क्‍या जिला उपभोक्‍ता आगरा को इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त है।

 

-4-

परिवादी स्‍वयं आगरा का निवासी है। चूंकि सनी टोयटा प्रा0लि0 का कार्यालय आगरा में स्थित है। उनके विरूद्ध भी परिवाद प्रस्‍तुत किया

गया है, इसलिए वाद कारण आंशिक रूप से आगरा में उत्‍पन्‍न हुआ है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच आगरा को भी सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त है।

8.   इस बिन्‍दु पर विचार करना है कि क्‍या अपीलार्थीगण के विरूद्ध क्षतिपूर्ति का आदेश वैधानिक रूप से पारित किया गया है। चूंकि परिवादी द्वारा बीमा कंपनी से भी क्‍लेम लिया गया है। बीमा कंपनी से क्‍लेम वाहन के साथ घटित दुर्घटना के आधार पर लिया जा सकता है, अत: बीमा कंपनी से क्‍लेम स्‍वीकार कर इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया गया है कि दुर्घटनावश वाहन में आग लगी, इसलिए यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत नहीं है कि वाहन में निर्माण संबंधी दोष था, जिसके कारण वाहन में आग लगी, पत्रावली पर इस आशय का कोई साक्ष्‍य मौजूद नहीं है, जिसके आधार पर यह निष्‍कर्ष निकाला जा सके कि निर्माण संबंधी त्रुटि के कारण वाहन में आग लगी, इसलिए अग्निकांड के पश्‍चात अपीलार्थीगण भी किसी प्रकार की क्षति की पूर्ति के लिए उत्‍तरदायी है, यथार्थ में प्रस्‍तुत केस में बीमा कंपनी आवश्‍यक पक्षकार थी। वाहन की मरम्‍मत में जो भी राशि खर्च हुई बीमा मूल्‍य के तहत बीमा कंपनी ही इस राशि की क्षति की पूर्ति के लिए उत्‍तरदायी है, परन्‍तु बीमा कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया, इसलिए परिवादी अपीलार्थीगण से किसी प्रकार का अनुतोष प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत नहीं है। तदनुसार अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

-5-

आदेश

9.   अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाता है। परिवाद खारिज किया जाता है।

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

         

       (सुशील कुमार)                      (राजेन्‍द्र सिंह)                                                                                                                                                   सदस्‍य                           सदस्‍य

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

        (सुशील कुमार)                      (राजेन्‍द्र सिंह)                                                                                                                                                   सदस्‍य                            सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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