जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, झुन्झुनू (राज0)
परिवाद संख्या - 405/14
अध्यक्ष - महेन्द्र शर्मा
सदस्य - डा0 प्रदीप कुमार जोशी
संजीव कुमार पुत्र बिन्दु सिंह जाति जाट निवासी पातुसरी तहसील व जिला झुन्झुनू (राज0)
- प्रार्थी/परिवादी
बनाम
बी.के. बिरला इन्सटीट्युट आॅफ इन्जिनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी जरिये डायरेक्टर, बी.के. बिरला इन्सटीट्युट आॅफ इन्जिनियरिंग पिलानी तहसील चिडावा जिला झुन्झुनू (राज0)
-अप्रार्थी/विपक्षी
परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1. श्री द्वारका प्रसाद, एडवोकेट - प्रार्थी/परिवादी की ओर से।
2. विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नही।
- निर्णय - दिनांक 11.07.2018
प्रार्थी/परिवादी की ओर से दिनांक 31.07.2014 को प्रस्तुत परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, (जिसे इस निर्णय में आगे अधिनियम कहा जावेगा) के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार है कि उसने अप्रार्थी के संस्थान में प्रथम वर्ष (ब्रान्च टैक्नोलोजी) में 2013-14 में प्रवेश लेकर परिवाद के चरण सं. 1 में वर्णित अनुसार विभिन्न मदो में कुंल 68,220/रुपये अपेक्षित दस्तावेजो के साथ जमा करवाये थे और तत्समय उसे बताया गया था कि काॅशन मनी के 7,500/रुपये, पुस्तकालय प्रतिभूति के 1,000/रुपये, हाॅस्टल लाईब्रेरी सिक्योरिटी के 2,000/रुपये संस्थान छोडते समय वापिस लौटाये जायेगें। किन्ही कारणो से प्रार्थी अध्ययन नही कर सका और उसने उपरोक्त 10,500/रुपये तथा माईग्रेशन सर्टिफिकेट मांगा जो नही लौटाया गया है। उक्त राशि व इस पर ब्याज, मानसिक पीडा पेटे 10,000/रुपये व परिवाद व्यय बाबत 2200/रुपये उसने अपं्रार्थी से दिलाये जाने की प्रार्थना की है। परिवाद के समर्थन में प्रार्थी का शपथ पत्र एंव फीस जमा कराने की दो रसीदें पेश की गई।
2 परिवाद का नोटिस तामिल होने के बावजूद अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नही हुआ अतः दिनांक 16.08.2017 को उसके विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
3 प्रार्थी के अधिवक्ता को सुना गया एंव एंव पत्रावली का परिशीलन किया गया।
4 परिवाद में अंकित तथ्यो एंव परिवादी द्वारा प्रस्तुत रसीदो से प्रार्थी द्वारा परिवाद के चरण सं. 1 में वर्णितानुसार कुल 68,220/रुपये जमा करवाये गये है जिनमें से काॅसन मनी के 7500/रुपये, पुस्तकालय सिक्योरिटी के 1000/रुपये व हाॅस्टल पुस्तकालय सिक्योरिटी के 2000/रुपये, प्रार्थी द्वारा अपेक्षित नाॅ ड्युज प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर लोटाये जाने योग्य है। प्रार्थी द्वारा उपरोक्त राशि प्राप्त करने के लिए अप्रार्थी के समक्ष कोई आवेदन व नाॅ ड्यूज प्रमाण पत्र पेश किया गया हो, ऐसा परिवाद में वर्णित नही है और न ही इस बाबत कोई प्रलेख पेश किया गया है। अतः तथाकथित मानसिक परेशान व परिवाद व्यय प्रार्थी को दिलाये जाने का कोई औचित्य नही है।
5 उपरोक्त विवेचन के सार रुप में प्रार्थी का यह परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिणामतः प्रार्थी/परिवादी का यह परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार कर अप्रार्थी को आदेश दिया जाता है कि प्रार्थी के द्वारा इस निर्णय की प्रमाणित प्रति एंव अदेय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की तिथी से 10 दिन में उसे कोसन मनी के 7500/रुपये, पुस्तकालय प्रतिभूति के 1000/रुपये व हाॅस्टल प्रतिभूति के 2000/रुपये कुल 10,500/रुपये लौटा देवें।
निर्णय आज दिनांक 11 जुलाई, 2018 को सुनाया गया।
डा0 प्रदीप कुमार जोशी महेन्द्र शर्मा