(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1938/2010
बैंक आफ बड़ौदा तथा एक अन्य बनाम आशीष कुमार जैन पुत्र श्री राजाराम
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 25.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-328/2005, आशीष कुमार जैन बनाम बैंक आफ बड़ौदा तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, मुजफ्फरनगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.10.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री राजीव जायसवाल तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवादी द्वारा सावधि जमा योजना के अंतर्गत जमा राशि तत्समय प्रवृत्त ब्याज दर के आधार पर वापस लौटाने का आदेश पारित किया है तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में अंकन 2500/-रू0 भी अदा करने के लिए आदेशित किया है।
3. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को यह स्थिति स्वीकार्य है कि परिवादी द्वारा अंकन 25,000/-रू0 की एफडीआर बनवायी गयी थी, परन्तु उनके द्वारा समय पर इस एफडीआर की राशि को प्राप्त नहीं किया गया और न ही इसका नवीनीकरण कराया गया। अत: इस स्थिति में यह राशि यद्यपि अपीलार्थीगण बैंक के पास बनी रही, परन्तु इसका नवीनीकरण नहीं हो सका, इसलिए सेविंग अकाउण्ट की दर से देय ब्याज अदा करने के लिए आदेश पारित किया जाना चाहिए था। तदनुसार प्रस्तुत अपील इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि एफडीआर की राशि परिपक्वता तिथि के पश्चात परिवादी को तत्समय देय सेविंग अकाउण्ट ब्याज दर के अनुसार ब्याज अदा किया जाएगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2