जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 65/2016 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-02.03.2016
परिवाद के निर्णय की तारीख:-26.08.2023
Awantika aged about 27 years W/f Manish Anand resident of 538 II/691 Alok Nagar Ahibaranpur II, District Lucknow.
.................COMPLAINANT.
VERSUS
Ansal Properties & Infrastructures Ltd, First Floor, YMCA campus, 13 Rana Pratap Marg, District Lucknow.
.............OPPOSITE PARTY.
परिवादिनी के अधिवक्ता का नाम:-श्री शैलेन्द्र सिंह।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-श्री शुभम त्रिपाठी एवं श्री आसिफ अनीस।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-12 के तहत इस आशय से दाखिल किया गया है कि विपक्षी द्वारा मनमाने तरीके से फ्लैट का मूल्य शासन द्वारा विज्ञापन में निर्धारित धनराशि के अलावा ज्यादा धनराशि मांगी गयी, उसे न लिया जाए तथा मानसिक क्षति के लिये 50,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवादिनी का कथानक है कि उसने अंसल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा0 लि0 सुशांत गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड पर एल0आई0जी0 भवन आसरा भरोसा स्कीम के तहत विपक्षी से बुक कराया था जिसकी तत्समय कीमत 5,85,000.00 रूपये थी। उ0प्र0 सरकार के आदेश संख्या 3188 दिनॉंक 05.12.2013 के तहत कुछ दिन बाद उसकी कीमत 7,00,000.00 रूपये निर्धारित कर दी गयी थी। दिनॉंक 27.03.2014 को परिवादिनी को विपक्षी की ओर से एक पत्र मिला कि बुकिंग धनराशि जमा करें और उन्हें फार्म संख्या 6049 का एलाटमेंट मिला। अन्ततोगत्वा दिनॉंक 07.04.2015 से 09.04.2015 के बीच में लाटरी द्वारा परिवादिनी को यूनिट संख्या-3641-0-K/A9/0305 एलाट किया गया तथा 1,75,000.00 रूपये जमा करने के लिये कहा गया, जिसका भुगतान परिवादिनी द्वारा चेक संख्या 025892 सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया दिनॉंक 18.05.2015 द्वारा किया गया।
3. एलॉट किए गए यूनिट का मूल्य पुन: दिनॉंक 04.07.2015 के पत्र द्वारा सरकार के आदेशानुसार 8,40,000.00 रूपये कर दिया गया जिसे परिवादिनी को देना था। परिवादिनी द्वारा पूरा पैसा जमा कर दिया गया था जिसकी प्रारम्भिक कीमत 5,85,000.00 रूपये थी। बादहू विपक्षी द्वारा बढ़ायी गयी धनराशि 7,00,000.00 रूपये तथा फिर से बढ़ाकर 8,40,000.00 रूपये हो गयी, उसका भी पैसा परिवादिनी द्वारा भुगतान करा दिया गया है। विपक्षी का यह कृत्य मनमानी तौर पर किया गया है जो अनुचित व्यापार प्रक्रिया तथा सेवा में कमी को दर्शाता है।
4. विपक्षी द्वारा अपने उत्तर पत्र में कथन किया गया कि परिवादिनी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आती है। परिवादिनी एक इन्वेस्टर है, पैसा लगाने का व्यवसाय करती है। विषय वस्तु को छिपाकर उनके द्वारा यह प्रकरण दाखिल किया गया है। विपक्षी संख्या 01 भवन बनाने की रेपुटेड संस्था है जिसका आफिस नोएडा में है। नेशनल हाउसिंग एण्ड हाबिटेट पालिसी भारत सरकार द्वारा हाइटेक पालिसी के तहत मकान बनाता है। परिवादिनी द्वारा फ्लैट संख्या 3642-01 के0जी0 एल0आई0जी0 की स्कीम आसरा भरोसा में बुक किया गया, और उनके द्वारा डाउन पेमेंन्ट किया गया। दिनॉंक 14.04.2015 को आवंटन पत्र निर्गत किया गया। यह प्रोजेक्ट सरकार द्वारा निर्धारित किया गया तथा उक्त व्यवस्था के तहत बनाया जाता है। सरकार ने दिनॉंक 05 दिसम्बर, 2013 को फ्लैट एरिया 40, 50, 35, एवं 48 स्क्वायर मीटर तक की कास्ट 5,85,000.00 से बढ़ाकर 7,00,000.00 रूपये कर दिया था। हुडको द्वारा E.W.S. और एल0आई0जी0 हाउसिंग 3,25,000.00 रूपये से 7,00,000.00 रूपये किया गया था।
5. इस योजना में 35 स्क्वायर मीटर एल0आई0जी0 भवन मान्य था। 05 दिसम्बर, 2013 जी0ओ0 के तहत 10,00,000. (दस लाख) से ऊपर जनसंख्या का उल्लेख है, जिसमें फ्लैट का सीलिंग कास्ट 20 प्रतिशत कर दिया गया था। लखनऊ में दस लाख से ज्यादा जनसंख्या थी। इसलिए यहॉं पर 20 प्रतिशत कास्ट लागू थी। विपक्षी ने जी0ओ0 के हिसाब से भुगतान प्राप्त किया था। 40 स्क्वायर फिट की एल0आई0जी0 स्कीम कम्पनी द्वारा ली गयी थी और शासनादेश के अनुसार 20 प्रतिशत धनराशि चार्ज की गयी है।
6. आसरा भरोसा के तहत एग्रीमेंट के कालम-11 में एडिश्नल फ्लोर की भी व्यवस्था थी, जिसके लिये अलग से पैसा देने की व्यवस्था थी जिसे 36 माह में भुगतान करने की व्यवस्था थी। परिवादिनी उनके पास नहीं गयी थी, क्योंकि उन्होंने पैसा बढ़ा दिया था। विपक्षी द्वारा कथन किया गया है कि दस लाख की आबादी सम्मिलित करके 20 प्रतिशत जी0ओ0 के अनुसार अतिरिक्त भुगतान करना था, विपक्षी द्वारा कोई मनमानी नहीं की गयी है।
7. परिवादिनी द्वारा अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र तथा भुगतान से संबंधित रसीदें, शर्तनामा व संबंधित शासनादेश एवं अन्य अभिलेख दाखिल किये गये हैं। विपक्षी द्वारा भी शपथ पत्र एवं शर्तनामा की प्रति व सरकार की योजना से संबंधित अभिलेख प्रस्तुत किये गए हैं।
8. आयोग द्वारा उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।
9. परिवादिनी का कथानक है कि उसने अंसल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा0 लि0 सुशांत गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड पर एल0आई0जी0 भवन आसरा भरोसा स्कीम के तहत विपक्षी से बुक कराया था जिसकी तत्समय कीमत 5,85,000.00 रूपये थी। उ0प्र0 सरकार के आदेश संख्या 3188 दिनॉंक 05.12.2013 के तहत कुछ दिन बाद उसकी कीमत 7,00,000.00 रूपये कर दी थी। दिनॉंक 27.03.2014 को परिवादिनी को विपक्षी की ओर से एक पत्र मिला कि बुकिंग धनराशि जमा करें और उन्हें फार्म संख्या 6049 का एलाटमेंट मिला। अन्ततोगत्वा दिनॉंक 07.04.2015 से 09.04.2015 के बीच में लाटरी द्वारा परिवादी को यूनिट संख्या 3641-0-K/A9/0305 एलाट किया गया तथा 1,75,000.00 रूपये जमा करने के लिये कहा गया, जिसका भुगतान परिवादिनी द्वारा चेक संख्या 025892 सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया दिनॉंक 18.05.2015 द्वारा किया गया।
10. परिवादिनी द्वारा मुख्य रूप से यह कथन किया गया कि विज्ञापन के समय फ्लैट की जो कीमत दिखायी गयी है उससे ज्यादा उससे न ली जाए। विपक्षी द्वारा ज्यादा कास्ट लगाकर फ्लैट पर कब्जा दिए जाने का उस पर जबरदस्ती दबाव डाला जा रहा है। परिवादिनी द्वारा अंसल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा0 लि0 सुशांत गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड पर एल0आई0जी0 भवन 35 वर्ग मीटर आसरा भरोसा स्कीम के तहत विपक्षी से दिनॉंक 14.04.2015 को आवंटित कराया गया था। उसके अवलोकन से विदित है कि पत्र जारी होने की दिनॉंक से 45 दिन के अन्दर आवंटन धनराशि जो कुल धनराशि का 25 प्रतिशत अर्थात 7,00,000.00 रूपये का 25 प्रतिशत 1,75,000.00 रूपये होती है जमा करना था, जिसे परिवादिनी द्वारा दिनॉंक 18.05.2015 को चेक के माध्यम से जमा किया गया। परिवादिनी ने उसके बाद चेक द्वारा दिनॉंक 24.06.2015 को 4,84,025.00 रूपये पुन: विपक्षी को दिया गया, अर्थात उसके द्वारा कुल 1,75,000.00+4,84,025.00=6,59,025.00 रूपये जमा किया गया है।
11. विपक्षी द्वारा दिनॉंक 04.07.2015 को पत्र के माध्यम से परिवादिनी को अवगत कराया गया कि आपको आवंटित फ्लैट की कीमत शासनादेश संख्या 3188/आठ-1-13-80 विविध/2010 दिनॉंक 05.12.2013 के प्रस्तर-03 के अन्तर्गत एल0आई0जी0 फ्लैट का मूल्य 5,85,000.00 रूपये से बढ़ाकर 7,00,000.00 रूपये निर्धारित कर दिया गया था तथा उक्त शासनादेश के प्रस्तर-03 में ही यह भी उल्लेख है कि जिन शहरों की जनसंख्या दस लाख से अधिक होगा वहॉं पर निर्धारित मूल्य के अलावा 20 प्रतिशत सीलिंग कास्ट भी देय होगी।
12. उक्त से स्पष्ट है कि एल0आई0जी0 भवन 35 वर्ग मीटर का मूल्य पूर्व में 7,00,000.00 रूपये निर्धारित था। चॅूंकि परिवादिनी का फ्लैट लखनऊ के अन्तर्गत था जहॉं की जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है अत: निर्धारित मूल्य पर 20 प्रतिशत सीलिंग कास्ट अर्थात 1,40,000.00 रूपये अलग से देय होगी। इस प्रकार स्पष्ट है कि विपक्षी ने 7,00,000.00 रूपये की जगह 7+1.4=8.40 लाख फ्लैट की कुल कीमत बताया है सही है। विपक्षी द्वारा परिवादिनी के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की है और न ही सेवा में कोई कमी व अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। विपक्षी ने शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत ही मूल्य बृद्धि की है। अत: परिवादिनी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद खारिज किया जाता है।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक-26.08.2023