( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :1176/2022
(जिला उपभोक्ता आयोग, सुल्तानपुर द्वारा परिवाद संख्या-138/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23-09-2022 के विरूद्ध)
आर0डी0एस0 आटो मोबाइल, शोरूम गोराबारिक अमहट थाना कोतवाली नगर जिला सुल्तानपुर।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1
बनाम्
- अनूप कुमार पाण्डेय आयु लगभग 34 साल पुत्र राम पदारथ पाण्डेय निवासी ग्राम बासुदेवपुर थाना पीपरपुर जनपद अमेठी।
प्रत्यर्थी/परिवादी
- शाखा प्रबन्धक, आई0डी0बी0आई0 बैंक शाखा बाघमण्डी शहर सुल्तानुपर जनपद सुल्तानपुर।
प्रत्यर्थी/प्रत्यर्थी संख्या-2
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2-मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री कौशल किशोर वर्मा।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री सुनील कुमार वर्मा।
दिनांक : 04-11-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-138/2018 अनूप कुमार पाण्डेय बनाम प्रबन्धक, आर0डी0एस0 आटो मोबाइल व तीन अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, सुल्तानपुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 23-09-2022 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
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‘’आक्षेपित निर्णय के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
‘’ परिवाद, विपक्षी संख्या-1 आर0डी0एस0 आटो मोबाइल सुल्तानुपर के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-1 को निर्देशित किया जाता है कि वह निर्णय की तिथि से एक माह के अंदर परिवादी को प्रश्गनत वाहन की कीमत मु0 6,40,000/-रू0 एवं उस पर परिवाद दाखिल करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करे। इसके अतिरिक्त शारीरिक, मानसिक कष्ट के लिए पन्द्रह हजार रूपये एवं वाद व्यय के लिए पॉंच हजार रूपये अदा करें।‘’
जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्या-1 की ओर से यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री कौशल किशोर वर्मा उपस्थित आए। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री सुनील कुमार वर्मा उपस्थित आए।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं हो पायी कि उनके विरूद्ध परिवाद जिला आयोग के सम्मुख योजित किया गया है, न ही उन्हें
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कोई नोटिस ही प्राप्त हुई। अत: वह जिला आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सके और जिला आयोग द्वारा बिना उन्हें साक्ष्य और सुनवाई का अवसर प्रदान किये एकपक्षीय रूप से उनके विरूद्ध निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है अत: उन्हें न्यायहित में साक्ष्य एवं सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जावे।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि अपीलार्थी/विपक्षी को विधिक नोटिस प्रेषित की गयी थी और उन पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माने जाने के बाद जिला आयोग द्वारा विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा अपीलार्थी को बिना सुने एकपक्षीय रूप से निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है अत: अपीलार्थी को साक्ष्य एवं सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुर्नस्थापित करते हुए उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का
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समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।
उभयपक्ष जिला आयोग के समक्ष दिनांक 22-12-2022 को उपस्थित हों।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1