Uttar Pradesh

StateCommission

A/788/2022

National Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Anoop Kumar Gupta - Opp.Party(s)

Surendra Pal Singh

14 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/788/2022
( Date of Filing : 17 Aug 2022 )
(Arisen out of Order Dated 14/07/2022 in Case No. C/2018/53 of District Sant Ravidas Nagar)
 
1. National Insurance Co. Ltd
Hajraganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Anoop Kumar Gupta
Dist. Bhadohi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Sep 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :788/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, भदोही द्वारा परिवाद संख्‍या-53/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 14-07-2022 के विरूद्ध)

 

नेशनल इं0कं0लि0 पंजीकृत कार्यालय-3 मिडलटन स्‍ट्रीट कोलकाता द्वारा रीजनल आफिस पॉंचवा तल, रिजेन्‍सी प्‍लाजा-5 पार्क रोड, हजरतगंज लखनऊ।

              अपीलार्थी/विपक्षी    

बनाम्

अनूप कुमार गुप्‍ता पुत्र श्री रमेश चन्‍द्र गुप्‍ता निवासी अहमदगंज (आनंद नगर) भदोही कस्‍बा/पोस्‍ट/तहसील भदोही जिला भदोही (यू0पी) 221401

                        प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष  :-

  1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,         अध्‍यक्ष।
  2. मा0  श्री राजेन्‍द्र सिंह,                     सदस्‍य।

उपस्थिति :

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित-    श्री सुरेन्‍द्र पाल सिंह।

प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-      श्री नंद कुमार।

दिनांक : 29-09-2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय

 

     परिवाद संख्‍या-53/2018 अनूप कुमार गुप्‍ता बनाम नेशनल इं0कं0लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, भदोही द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 14-07-2022 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के विद्धान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

 

-2-

     ‘’ परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय एवं आदेश के एक माह के अंदर परिवादी को उसके द्वारा ट्रक संख्‍या-यू0पी0 66 टी. 6199 की मरम्‍मत में व्‍यय किये गये रू0 4,44,863/- में से पालिसी एक्‍सेस तथा साल्‍वेज की धनराशि की कटौती करते हुए अवशेष धनराशि परिवादी को अदा करें। यदि विपक्षीगण ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उपरोक्‍त अवशेष समस्‍त धनराशि पर दिनांक 13-09-2018 से अदायगी तक 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित सम्‍पूर्ण धनराशि विपक्षीगण परिवादी को अदा करेंगे।‘’

     विद्धान जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी  की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने अपनी जीविकोपार्जन हेतु वाहन संख्‍या-यू0पी0-66 टी. 6199 क्रय किया जिसका बीमा विपक्षीगण से दिनांक 09-12-2017 सं 12-12-2018 तक की अवधि के लिए कराया गया, जिस हेतु विपक्षीगण को बी‍मा प्रीमियम की धनराशि 55,321/-रू0 अदा की गयी। परिवादी का उक्‍त वाहन बीमा अवधि में ही दिनांक 25-03-2018 को ग्राम बिसौना पुलिस चौकी रावतपुर थाना पिपरी जिला कौशाम्‍बी, उ0प्र0 में दुर्घटनाग्रस्‍त होकर सड़़क किनारे खाईं में पलट गया, जिससे ट्रक की बाड़ी चेचिस व इंजन आदि क्षतिग्रस्‍त हो गया तथा ट्रक चलने योग्‍य नहीं रह गया। परिवादी द्वारा दिनांक 25-03-2018 को उक्‍त घटना की सूचना पुलिस चौकी रावतपुर को दी गयी तथा विपक्षीगण को भी दुर्घटना की सूचना दी गयी और समस्‍त औपचारिकताऍं पूरी करते हुए बीमा क्‍लेम दर्ज कराया।  विपक्षी द्वारा सर्वेयर नियुक्‍त किया गया जिसे

 

-3-

घटनास्‍थल का सर्वे किया। विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा ट्रक की फोटाग्राफी कराकर उसे टोचन कराकर अधिकृत सर्विस सेंटर पर ले जाने हेतु कहा गया साथ ही क्षतिग्रस्‍त ट्रक में आने वाले सम्‍भावित खर्च का स्‍टेटमेंट प्रस्‍तुत करने हेतु भी कहा गया तथा विपक्षी द्वारा कहने पर परिवादी ने ट्रक को एस0 पी0 ब्रेडडाऊन सर्विस के माध्‍यम से क्रेन द्वारा टोचन कराकर ट्रक अथराइज्‍ड सर्विस सेंटर पर पहुँचाया गया और जिसकी बावत किराया भी अदा किया गया।

     परिवादी का कथन है कि ट्रक को अधिकृत सर्विस सेंटर बेन्‍ज ट्रक प्रा0 लि0, राजेन्‍द्र ट्रकिंग प्रा0 लि0, वाराणसी पहुँचाया गया तथा सर्विस सेंटर से सम्‍भावित खर्च के स्‍टेटमेंट की मांग की गयी जिस पर सर्विस सेंटर द्वारा आंकलन करके स्‍टीमेट दिया गया  तथा समस्‍त खर्चों का बिल भी दिया गया जो दिनांक 25-03-2018 को जारी किया गया। उक्‍त सर्विस सेंटर द्वारा दिनांक 23-08-2018 को रिवाइज्‍ड स्‍टीमेट भी परिवादी को दिया गया।

     परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा ट्रक की मरम्‍मत में व्‍यय की गयी धनराशि 4,44,863/-रू0 अधिकृत सर्विस सेंटर को चेक द्वारा अदा की गयी है।

     विपक्षीगण द्वारा परिवादी को यह आश्‍वासन दिया गया कि समस्‍त खर्चों का शीघ्र ही भुगतान कर दिया जावेगा तथा विपक्षीगण के द्वारा सर्वेयर को वाहन का स्‍थलीय सर्वें एवं सर्विस सेंटर/वर्कशाप में लगे खर्च/बिल बाऊचर एवं समस्‍त टूटे-बदले उपकरणों का निरीक्षण कर बिल स्‍टीमेट आदि परिवादी से प्राप्‍त किया गया परन्‍तु सर्वें की रिपोर्ट परिवादी को नहीं दी गयी।

     दिनांक 13-09-2018 को विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी को अपने कार्यालय बुलाया गया तथा परिवादी से क्‍लेम लेने हेतु कहे जाने पर क्‍लेम

 

-4-

प्राप्ति के छपे, परन्‍तु बिना भरे प्रोफार्मा पर हस्‍ताक्षर कराया गया तथा क्‍लेम राशि महज 90,000/- परिवादी को देने हेतु कहे जाने पर परिवादी द्वारा प्राप्ति बाऊचर पर आपत्ति के साथ आंशिक क्‍लेम राशि प्राप्‍त करने की इन्‍द्री कर दी गयी तब विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा मूल प्रति बाऊचर छीनकर रख लिया गया और परिवादी को उसकी प्रति नहीं दी गयी बल्कि मौखिक रूप से कहा गया कि  आपत्ति के साथ क्‍लेम राशि नहीं दी जावेगी। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को अधिवक्‍ता के माध्‍यम से डिमाण्‍ड नोटिस भेजी गयी जिसका जवाब विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा अधिवक्‍ता के माध्‍यम से दिया गया जिसमें बीमा कम्‍पनी द्वारा स्‍वीकार किया गया कि बीमाधारक ने आपत्ति के साथ प्राप्ति की इन्‍द्री बाऊचर पर की है। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रथा अपनाते हुए सेवा में कमी की गयी है जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा जिला आयोग के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी है।

     विपक्षीगण द्वारा जिला आयोग के समक्ष अपना जवाब दावा दाखिल किया गया जिसमें वाहन का बीमा होना तथा दिनांक 25-03-2018 को वाहन का दुर्घटनाग्रस्‍त होना स्‍वीकार किया गया और कथन किया गया कि सर्वेयर द्वारा जॉंच करने के उपरान्‍त जॉंच रिपोर्ट को परिवादी ने कार्यालय से प्राप्‍त किया गया। बीमा कम्‍पनी द्वारा फाइनल लास एसेसर/सर्वेयर की रिपोर्ट को आधार बनाकर परिवादी का क्‍लेम निस्‍तारित किया गया तथा दिनांक 13-09-2018 को परिवादी को 82,805/-रू0 दिये जाने के लिए बाऊचर पर प्राप्ति के हस्‍ताक्षर करने हेतु कहा गया परन्‍तु परिवादी द्वारा उस पर आपत्ति अंकित करते हुए हस्‍ताक्षर किये गये तथा धनराशि लेने से इंकार किया गया।

 

-5-

परिवादी नाजायज तरीके से धनराशि प्राप्‍त करना चाहता है और परिवाद गलत तथ्‍यों पर आधारित है।

     जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में उल्लिखित किया है कि बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर द्वारा मात्र बाहरी तौर पर वाहन को देखकर वाहन का आंकलन करते हुए रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गयी है जब कि परिवादी द्वारा जो स्‍टीमेंट सर्विस सेंटर का दाखिल किया गया है उसमें विस्‍तृत रूप से प्रत्‍येक रिपेयरिंग का उल्‍लेख किया गया है। परिवादी द्वारा सर्विस सेंटर में मरम्‍मत हुए व्‍यय तथा टोचन एवं हाड्रोलिक पम्‍प के व्‍यय के संबंध में क्‍लेम प्रस्‍तुत किया है परन्‍तु सर्वेयर द्वारा यह अंकित नहीं किया गया है कि जो स्‍टीमेंट सर्विस सेंटर ने परिवादी को दिया उसमें वर्णित कार्य सर्विस सेंटर ने नहीं किया है या वह स्‍टेटमेंट त्रुटिपूर्ण है।

     जिला आयोग द्वारा अपने निर्णय में उपलब्‍ध साक्ष्‍य/प्रपत्रों के आधार पर परिवादी द्वारा प्रश्‍नगत ट्रक की मरम्‍मत में 4,44,863/-रू0 का व्‍यय होना उचित पाते हुए प्रश्‍नगत आदेश पारित किया गया है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री सुरेन्‍द्र पाल सिंह उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा के सहयोगी अधिवक्‍ता नंद कुमार उपस्थित आए।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य की सही विवेचना पर आधारित नहीं है। तदनुसार अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग का आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

 

-6-

     प्रत्‍यथी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय विधि सम्‍मत है। अत: अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।  

     हमने उभयपक्ष  के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया।

     पत्रावली के परिशीलन से यह स्‍पष्‍ट है कि       विद्धान जिला आयोग ने समस्‍त तथ्‍यों पर भली-भॉंति विचार करते हुए विधिसम्‍मत आदेश पारित किया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

    आदेश

प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे। 

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला आयोग को एक माह में विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                        ( राजेन्‍द्र सिंह )

       अध्‍यक्ष                                    सदस्‍य

 

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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