राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2770/2016
(जिला उपभोक्ता फोरम, उन्नाव द्वारा परिवाद संख्या-96/2015 में पारित आदेश दिनांक 30-08-2016 के विरूद्ध)
दि न्यू इण्डिया एश्योरेंश कम्पनी लिमिटेड, द्वारा मैनेजर लीगल हब डिवीजनल आफिस, 94 एम०जी० हजरतगंज, लखनऊ।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
1. अनूप कुमार मिश्रा पुत्र राज नरायण निवासी ग्राम व पोस्ट माढ़ापुर तहसील सफीपुर जिला उन्नाव।
2. यूनियन बैंक और इण्डिया, ब्रांच बांगरमऊ उन्नाव द्वारा ब्रांच मैनेजर।
प्रत्यर्थी/परिवादी
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री वी०पी० पाण्डेय।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री ए०के० मिश्रा।
दिनांक 11.08.2017
मा0 श्री न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या 96/2015 अनूप कुमार मिश्रा बनाम दि न्यू इण्डिया एश्योरेंश कम्पनी लि0 व एक अन्य में जिला फोरम, उन्नाव द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 30.08.2016 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के विपक्षी दि न्यू इण्डिया एश्योरेंश कम्पनी लि0 की ओर से धारा 15 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुये निम्न आदेश पारित किया है:-
"परिवादी श्री अनूप कुमार मिश्रा का परिवाद विपक्षी संख्या-1 दि न्यू इण्डिया इश्योंरेश कम्पनी लिमिटेड के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी परिवादी को 65,000/- रूपये बीमा धनराशि के रूप में, 5000/- रूपये मानसिक तथा
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शारीरिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति के रूप में तथा 2,500/- रूपये वाद व्यय दो माह में अदा करें। उपरोक्त धनराशि यदि दो माह में बीमा कम्पनी द्वारा अदा नहीं की जाती है तो बीमा धनराशि तथा क्षतिपूर्ति की धनराशि पर 8 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से परिवाद दायर करने की तिथि दिनांक 04-06-2015 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक ब्याज भी विपक्षी संख्या 1 द्वारा परिवादी को देय होगा।"
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 पाण्डेय और प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री ए0के0 मिश्रा उपस्थित आए।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि बीमा पालिसी के अनुसार बीमित धनराशि 52,080/- रू० है। अत: जिला फोरम ने जो बीमित धनराशि 65,000/- रू० प्रदान किया है वह त्रूटिपूर्ण है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने जो 5000/- रू० मानसिक और शारीरिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति प्रदान की है और 2,500/- रू० वाद व्यय प्रदान किया है, वह भी उचित नहीं है।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश विधि अनुकूल है, परन्तु प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता ने यह स्वीकार किया है कि बीमित धनराशि 52,080/- रू० पालिसी के अनुसार है।
उभय पक्ष के अभिकथन एवं उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क पर विचार करते हुये यह स्पष्ट है कि भैंस की बीमित धनराशि 52,080/- रू० प्रश्नगत पालिसी के
अन्तर्गत है। अत: जिला फोरम ने जो 65,000/- रू० की धनराशि बीमा पालिसी के अन्तर्गत भैंस के लिए प्रदान की है वह त्रुटिपूर्ण है। अत: जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश संशोधित किया जाना उचित है।
जिला फोरम ने जो 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिया है, वह उचित है। जिला फोरम ने जो 2,500/- रू० वाद व्यय दिलाया है, वह भी उचित है। परन्तु जिला फोरम ने
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जो 5,000/- रू० मानसिक और शारीरिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति प्रदान की है वह मेरी राय में अपास्त किया जाना उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुये अपीलार्थी बीमा कम्पनी को निदेर्शित किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी को भैंस की बीमित धनराशि 52,080/- रू० जिला फोरम द्वारा पारित आदेश के अनुसार 2,500/- रू० वाद व्यय के साथ अदा करें। जिला फोरम ने जो 5,000/- रू० मानसिक और शारीरिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति प्रदान की है उसे अपास्त किया जाता है। जिला फोरम ने जो ब्याज बीमित धनराशि पर दिया है, वह यथावत रहेगा।
वर्तमान अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपीलार्थी द्वारा धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि 25,000/- रू० ब्याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कृष्णा, आशु0
कोर्ट नं01