Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/2463

Assit Provident Fund Commissioner - Complainant(s)

Versus

Anil Kumar Mittal - Opp.Party(s)

K N SHUKALA

29 Mar 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/2463
( Date of Filing : 04 Oct 2000 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Assit Provident Fund Commissioner
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Anil Kumar Mittal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Mar 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-2463/2000

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, हाथरस द्धारा परिवाद सं0-710/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.4.2000 के विरूद्ध)

1- सहायक भविष्‍य निधि आयुक्‍त, कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन, उप-क्षेत्रीय कार्यालय, 9/4 संजय पैलेस, आगरा-282002  

2- केंद्रीय भविष्‍य निधि आयुक्‍त, कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन 14, भीखाजी कामा, स्‍थान नई दिल्‍ली।

                                             .......... अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम              

1-    जिला फोरम, उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के तहत, जिला अलीगढ़।

2-    अनिल कुमार मित्‍तल अधिकारी, अलीगढ़ ग्रामीण बैंक, आगरा मार्ग, हाथरस जिला अलीगढ़।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण 

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य                     

अपीलार्थीगण के अधिवक्‍ता      : कोई नहीं

प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता        : कोई नहीं

दिनांक :-29-3-2022           

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/ सहायक भविष्‍य निधि आयुक्‍त व एक अन्‍य द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, हाथरस द्वारा परिवाद सं0-710/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.4.2000 के विरूद्ध योजित की गई है।

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख विगत 22 वर्षों से लम्बित है। पूर्व में अनेकों तिथियों पर अपील सूचीबद्ध हुई, जो विभिन्‍न कारणों से स्‍थगित होती रही। अपील पुकारी गई। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री के0 एन0 शुक्‍ला अनुपस्थित है। प्रत्‍यर्थी की ओर से भी कोई अधिवक्‍ता उपस्थित नहीं है।

 

-2-

हमारे द्वारा प्रस्‍तुत अपील पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन किया गया तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग, हाथरस द्वारा परिवाद सं0-710/1996 में पारित आदेश दिनांक 22.4.2000 का परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने निर्णय/आदेश में इस तथ्‍य को अंकित किया है कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख उठाई गई यह आपत्ति की प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद पोषणीय नहीं है, क्‍योंकि परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत नहीं आता है, को वास्‍तव में अनुचित पाया गया तथा यह तथ्‍य भी अंकित किया गया कि मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा अपीलार्थी द्वारा उपरोक्‍त आपत्ति के सम्‍बन्‍ध में निर्णय पारित किया जा चुका है, जिसमें इस तथ्‍य को समुचित पाया गया है कि भविष्‍य निधि खाते के विवाद भी उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत पोषणीय है। तद्नुसार परिवादी का परिवाद स्‍वीकार करते हुए परिवादी के भविष्‍य निधि खाते में जमा धनराशि रू0 50,000.00 को 16 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित तथा खर्च के रूप में 500.00 जो जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी की देयता हेतु आदेशित किया गया है, उसमें किसी प्रकार की कोई अनियमितता अथवा कमी होना नहीं पाई गई है, अत्एव प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपील में उभय पक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)               (विकास सक्‍सेना)        

                  अध्‍यक्ष                                          सदस्‍य                                                                   

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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