राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
(जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-230/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-11-2012 के विरूद्ध)
पुनरीक्षण वाद संख्या-261/2012
Tata Motor Finance Limited, Having its State Office at; 4th floor, Ratan Square, Vidhan Sabha Marg, Lucknow.Interalia its branch Offce at; Mandip complex, Devkali bye pass, Faizabad.
अपीलार्थी/विपक्षी बनाम
Amit Kumar singh Rasada Gyanpur, Tehsil Sadar, Thana Maharajganj, Faizabad.
प्रत्यर्थी/परिवादी.
समक्ष :-
1- मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित - श्री राजेश चढ्ढा।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - श्री अखण्ड प्रताप सिंह।
दिनांक : 18-09-2015
मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्ता ने प्रस्तुत पुनरीक्षण विद्धान जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-230/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-11-2012 के विरूद्ध प्रस्तुत की है जिसमें विद्धान जिला मंच द्वारा विपक्षी को आदेश दिया है कि वह आदेश की प्रति प्राप्त होने पर अविलम्ब विपक्षी वाहन संख्या-यू0पी0-42 ए टी 0584 परिवादी के पक्ष में अवमुक्त करें, से क्षुब्ध होकर यह पुनरीक्षण योजित की गयी है।
पीठ के समक्ष पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री राजेश चढ्ढा उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अखण्ड प्रताप सिंह उपस्थित।
हमने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों व जिला मंच द्वारा पारित निर्णय का भली-भॉंति अवलोकन किया।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि आदेश पत्र दिनांकित 05-12-2012 को देखते से तथा परिवाद के मुख्य अनुतोष को देखने से यह स्पष्ट है कि जो मुख्य अनुतोष मांगा गया है उसको अन्तरिम अनुतोष के तौर पर जिला फोरम ने दे दिया है और मा0 उच्चतम न्यायालय की रूलिंग II(2012)CPJ 8 (SC) में दी गयी व्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में निगरानी को स्वीकार किया गया ।
केस के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जिला फोरम के द्वारा जो आदेश पारित किया गया है वह विधिसम्मत नहीं है और निरस्त किये जाने योग्य है और निगरानीकर्ता की निगरानी स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
निगरानी स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-230/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-11-2012 निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(राम चरन चौधरी) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-5 प्रदीप मिश्रा