मौखिक
अपील संख्या-2484/2011
वोडाफोन एससार डिजिलिंक लि0 बनाम अमर बहादुर सिंह तथा तीन अन्य
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
आदेश
13.05.2022
पत्रावली पेश हुई। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 शर्मा उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। कार्यालय आख्या के अनुसार प्रत्यर्थीगण को भेजी गई नोटिस वापस प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रत्यर्थीगण पर नोटिस की तामीली पर्याप्त मानी जाती है। केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवाद संख्या-225/2008, अमर बहादुर सिंह तथा दो अन्य बनाम वोडाफोन एससार डिजलिंक लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, फैजाबाद द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 02.02.2010 के विरूद्ध यह अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि दोनों पक्षकारों के मध्य सेवा प्रदाता और सेवा ग्राह्यता का संबंध नहीं है, इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है।
परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि अपीलार्थी कम्पनी ने एक टावर परिवादीगण तथा विपक्षी संख्या-2 के सह खाते की भूमि पर अंकन 2,000/- रूपये प्रतिमाह किराये पर लगाया था, परन्तु विपक्षी संख्या-2 कम्पनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया, इसलिए परिवाद प्रस्तुत किया गया। इस परिवाद पत्र के अवलोकन से ही स्पष्ट हो जाता है कि दोनों पक्षकारों के मध्य सेवा प्रदाता और सेवा ग्राह्यता का संबंध नहीं है, अपितु एक संविदा हुई है। इस संविदा के तहत यदि विपक्षी संख्या-2 द्वारा किराये का भुगतान नहीं किया गया है तब भूमि स्वामी को अधिकार
P.T.O….
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है कि वह उक्त कम्पनी के विरूद्ध किराये की बकाया राशि की वसूली तथा बेदखली का मुकदमा सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है। यथार्थ में यह विवाद उपभोक्ता विवाद नहीं है। अपील तदनुसार स्वीकार होने योग्य है।
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.02.2010 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद संधारणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है।
पक्षकार अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाए।
अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अन्तर्गत जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को विधि अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2