(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 1388/2017
(जिला उपभोक्ता फोरम, बलिया द्वारा परिवाद संख्या-287/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 22-06-2017 के विरूद्ध)
- Voltas Ltd., Voltas House, B-Block, Second Floor, T.B. Kadam Marg, Chinchpokli (East), Mumbai-400033.
- Proprietor/Manager, Neelu Electronics, Chowk Station Road, Balia-277001 (U.P)
.....अपीलार्थी/विपक्षीगण
बनाम्
- Ajay Kumar Yadav, S/o Sri Tileshwar Yadav R/o Jigni Khas, Thana Gadwar, Tehsil & District-Balia.
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष ।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री राम गोपाल।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री एस0 पी0 पाण्डेय।
दिनांक : 08-05-2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय
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परिवाद संख्या-287/2015 अजय कुमार यादव बनाम् मालिक/प्रबन्धक, नीलू इलेक्ट्रानिक व एक अन्य में जिला उपभोक्ता फोरम, बलिया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 22-06-2017 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
‘’ परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। आदेशित किया जाता है कि एक माह के अंदर विपक्षी संख्या-1 20,000/-रू0 तथा विपक्षी संख्या-2 मु0 40,000/-रू0 परिवादी को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक संताप तथा वाद व्यय के रूप में प्रदान करें। इसी अवधि में विपक्षीगण पुराने फ्रीजर के बदले नया फ्रीजर भी प्रदान करें। निर्धारित अवधि बीत जाने के पश्चात परिवादी समस्त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी पाने का अधिकारी होगा।’’
जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षीगण ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपीलार्थीगण की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री राम गोपाल उपस्थित आये। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री एस0 पी0 पाण्डेय उपस्थित आए।
मैंने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम, बलिया के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्तुत किया
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है कि उसने दिनांक 27-02-2015 को रू0 24,000/- में एक अदद बोल्टास डीप फ्रीजर 320 लीटर विपक्षी संख्या-1 से खरीदा जिसके निर्माता विपक्षी संख्या-2 बोल्टास लिमिटेड है।
परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षीगण के मैकेनिक ने प्रत्यर्थी/परिवादी के यहॉं जाकर फ्रीजर चालू किया। फ्रीजर पर एक साल की वारण्टी थी, परन्तु फ्रीजर ने दिनांक 01-05-2015 को ही काम करना बंद कर दिया, तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 से शिकायत की, तब विपक्षी सं0-1 ने जल्दी ही फ्रीजर ठीक कराने का आश्वासन दिया और बोल्टास कम्पनी का फोन नम्बर दिया तथा कहा कि उसकी क्म्पलेन्ट कम्पनी को भेज दिया है। आप भी कम्पनी के कस्टमर केयर नम्बर-18004254555 पर फोन कर सम्पर्क कर कम्प्लेन नोट करा दीजिए। तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 के कस्टमर केयर नम्बर पर दिनांक 15 मई, 2015, दिनांक 29 मई 2015 व दिनांक 07-06-2015 को फोन कर कम्प्लेन नोट कराया। उसके बाद कम्पनी के मैकेनिक का फोन परिवादी के पास आया तथा जल्दी ही फ्रीजर बनाने का आश्वासन दिया, परन्तु परिवाद प्रस्तुत करने तक वह फ्रीजर बनाने नहीं आये, जबकि प्रत्यर्थी/परिवादी अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 के यहॉं जाकर बराबर फ्रीजर बनवाने का आग्रह करता रहा। परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी है। अत: प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध जिला फोरम, बलिया के समक्ष प्रस्तुत किया है।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 ने जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर प्रारम्भिक आपत्ति प्रस्तुत की, जिसमें प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा रू0 24,000/- में फ्रीजर खरीदा जाना स्वीकार किया तथा फ्रीजर वारण्टी अवधि में होना भी स्वीकार किया, परन्तु परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत
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ग्राह्य न होने का कथन किया और कहा कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने फ्रीजर वाणिज्यिक उद्देश्य से खरीदा है अत: वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता नहीं है।
अपीलार्थी/विपक्षी ने अपनी आपत्ति में यह भी कहा है कि फ्रीजर में कोई दोष नहीं है। फ्रीजर में दोष या कोई मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं है।
विपक्षी संख्या-1 अर्थात Proprietor/Manager, Neelu Electronics की ओर से परिवाद का विरोध करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विचार करने के उपरान्त यह निष्कर्ष अंकित किया है कि विपक्षी संख्या-2 यह साबित करने में असफल रहा है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने फ्रीजर वाणिज्यिक उद्देश्य से लिया है। जिला फोरम ने अपने निर्णय में यह भी माना है कि फ्रीजर के मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट के कारण प्रत्यर्थी/परिवादी उसका उपयोग नहीं कर सका है और दो वर्ष से परेशान हुआ है, अत: जिला फोरम ने परिवाद स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया है जो ऊपर अंकित है।
अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है। प्रश्नगत डीप फ्रीजर में कोई निर्माण संबंधी त्रुटि होने का साक्ष्य नहीं है। अपीलार्थी/विपक्षीगण के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि उनके इंजीनियर ने डीप फ्रीजर की कूलिंग ठीक कर दिया था, परन्तु इस बिन्दु पर विचार किये बिना जिला फोरम ने निर्णय पारित किया है। अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि डीप फ्रीजर वाणिज्यिक उद्देश्य से प्रयोग किया जाता है जिला फोरम ने डीप फ्रीजर का व्यक्तिगत उपयोग मानकर
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प्रत्यर्थी/परिवादी को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता माना है जो गलत है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने फ्रीजर बदलने के साथ ही रू0 60,000/- मानसिक, शारीरिक व आर्थिक संपात हेतु क्षतिपूर्ति और वाद व्यय प्रत्यर्थी/परिवादी को दिलाया है जो विधि की दृष्टि से उचित नहीं है।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश विधि के अनुकूल है। प्रश्नगत फ्रीजर प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपने निजी प्रयोग हेतु लिया है और अपने घर पर स्थापित किया है। अत: जिला फोरम ने प्रत्यर्थी/परिवादी को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनतर्गत जो उपभोक्ता माना है वह उचित है। प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने जो क्षतिपूर्ति दिलायी है और जो फ्रीजर बदलकर नया फ्रीजर देने का आदेश दिया है उसमें किसी हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है। यह तथ्य निर्विवाद है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने प्रश्नगत डीप फ्रीजर रू0 24,000/- में दिनांक 27-02-2015 को अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 मालिक/प्रबन्धक, नीलू इलेक्ट्रानिक से क्रय किया है और यह फ्रीजर अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 बोल्टास लिमिटेड द्वारा निर्मित है।
प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-9 में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह बिजली के ट्रान्सफार्मर से जला था इसलिए डीप फ्रीजर लिया था। अपीलार्थी/विपक्षीगण ने यह नहीं कहा है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने प्रश्नगत डीप फ्रीजर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान में लगाया है। प्रश्नगत डीप फ्रीजर का वाणिज्यिक
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उद्देश्य से प्रयोग किये जाने का कोई साक्ष्य पत्रावली पर नहीं है। अत: जिला फोरम का यह निष्कर्ष उचित है कि अपीलार्थी/विपक्षीगण प्रश्नगत डीप फ्रीजर वाणिज्यिक उद्देश्य से क्रय किया जाना साबित नहीं कर सके हैं। अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है और लिखित कथन प्रस्तुत कर परिवाद के कथन का खण्डन नहीं किया है।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 ने जिला फोरम के समक्ष प्रारम्भिक आपत्ति के रूप में लिखित कथन प्रस्तुत किया है और विपक्षी संख्या-2 ने अपने लिखित कथन की धारा-6 में कहा है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने प्रश्नगत डीप फ्रीजर के ठीक से काम न करने के संबंध में जून, 2015 में रिपोर्ट दर्ज करायी थी तब दिनांक 20-06-2015 को इंजीनियर ने जाकर फ्रीजर ठीक किया था और फ्रीजर ठीक ढंग से चलने लगा। मरम्मत के बाद फ्रीजर ठीक से काम कर रहा था। अपने लिखित कथन में विपक्षी संख्या-2 ने कहा है कि परिवादी ने फ्रीजर खराब होने की शिकायत अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 के यहॉं दर्ज करायी थी जबकि न तो वह सर्विस सेंटर है और न ही उसका निर्माता है। लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 ने कहा है कि सर्विस इंजीनियर ने पाया कि डीप फ्रीजर में कूलिंग की समस्या है और उसने कूलिंग को ठीक कर दिया था। अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 ने लिखित कथन में कहा है कि दिनांक 20-06-2015 के बाद प्रत्यर्थी/परिवादी ने कोई शिकायत नहीं दर्ज करायी है।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 ने प्रत्यर्थी/परिवादी का डीप फ्रीजर इंजीनियर द्वारा दिनांक 20-06-2015 को ठीक किये जाने का कोई प्रमाण पत्र या अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया है अत: अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 का यह कथन विश्वसनीय और आधार
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युक्त नहीं है कि दिनांक 20-06-2015 को उसके इंजीनियर ने प्रत्यर्थी/परिवादी के डीप फ्रीजर को ठीक कर दिया था। ऐसी स्थिति में परिवाद पत्र एवं परिवादी के शपथ पत्र का यह कथन विश्वसनीय प्रतीत होता है कि डीप फ्रीजर ठीक ढंग से काम न करने पर प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा शिकायत किये जाने पर अपीलार्थी/विपक्षीगण ने डीप फ्रीजर की कमी को ठीक नहीं कराया है। डीप फ्रीजर के ठीक से काम न करने की शिकायत प्राप्त होने पर अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 द्वारा अपने इंजीनियर से फ्रीजर का निरीक्षण कराकर उसकी त्रुटि की जानकारी प्राप्त करके फ्रीजर की त्रुटि का निवारण किया जाना चाहिए था। उन्होंने फ्रीजर का निरीक्षण अपने सक्षम इंजीनियर से कराया इसकी कोई आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी है और यह दर्शित नहीं किया गया है कि डीप फ्रीजर में कोई त्रुटि या दोष नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रतिकूल अवधारणा अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध बनती है।
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह मानने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 द्वारा निर्मित डीप फ्रीजर अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 से दिनांक 27-02-2015 को खरीदा है और उसके बाद वारण्टी अवधि में ही डीप फ्रीजर ने ठीक ढंग से काम करना बंद कर दिया परन्तु डीप फ्रीजर की त्रुटि का निवारण अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में डीप फ्रीजर में निर्माण संबंधी त्रुटि होना आधारयुक्त और विश्वसनीय है। अत: जिला फोरम ने जो खराब डीप फ्रीजर को बदलकर नया डीप फ्रीजर देने का आदेश पारित किया है वह उचित है, परन्तु जिला फोरम ने जो प्रत्यर्थी/परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक संपात तथा वाद व्यय के मद में रू0 20,000/- विपक्षी संख्या-1 से और रू0 40,000/- विपक्षी
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संख्या-2 से दिलाया है वह अधिक प्रतीत होता है।
मेरी राय में जिला फोरम द्वारा आदेशित धनराशि संशोधित करते हुए मानसिक, शारीरिक व आर्थिक संपात हेतु रू0 15,000/- व वाद व्यय हेतु रू0 5,000/- प्रत्यर्थी/परिवादी को दिलाया जाना उचित है। क्षतिपूर्ति की यह धनराशि दोनों अपीलार्थी/विपक्षीगण को संयुक्त रूप से और पृथक-पृथक रूप से देने हेतु आदेशित किया जाना उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 निर्माता कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी से प्रश्नगत खराब डीप फ्रीजर वापस लेकर उसे नया डीप फ्रीजर इस निर्णय की तिथि से 45 दिन के अंदर प्रदान करें।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 को भी आदेशित किया जाता है कि वह अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 से नया डीप फ्रीजर प्राप्त कर प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रदान करे।
उपरोक्त के अतिरिक्त जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश को संशोधित करते हेतु दोनों अपीलार्थी/विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को रू0 15,000/- मानसिक, शारीरिक व आर्थिक संपात हेतु क्षतिपूर्ति और रू0 5000/- वाद व्यय हेतु प्रदान करें।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गज जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित की जाए कि इस निर्णय के अनुसार रू0 15,000/- शारीरिक, मानसिक व आर्थिक संपात हेतु क्षतिपूर्ति की धनराशि और रू0 5000/- वाद व्यय की धनराशि जिला फोरम
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प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रदान करेगा और शेष धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी को अर्जित ब्याज सहित वापस करेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0