Uttar Pradesh

StateCommission

A/1998/2424

Nath Seeds Ltd - Complainant(s)

Versus

A K Gupta - Opp.Party(s)

R D Kranti

20 Oct 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1998/2424
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Nath Seeds Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. A K Gupta
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 20 Oct 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

अपील संख्‍या :2424/1998

(जिला मंच, झॉसी द्धारा परिवाद सं0-233/1996 में पारित निर्णय/ आदेश दिनांक 06.2.1997 के विरूद्ध)

Nath Seeds Limited Nath House, Nath Road Aurangabad (MS)431005

                                                                    ........... Appellant/Opp. Party

Versus        

Ashok Kumar Gupta, R/o 97/17, Civil Lines, Behind Elite Cinema Jhansi.

                                                ……..…. Respondent/Complainant.

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता    :   श्री आर0डी0 क्रांति

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता     :   कोई नहीं

दिनांक :04-11-2016

मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद सं0-233/1996 श्री अशोक कुमार गुप्‍ता बनाम नाथ शीड्स लिमिटेड में जिला मंच, झॉसी द्वारा दिनांक 06.02.1997 को निर्णय पारित करते हुए विपक्षी/अपीलार्थी को आदेशित किया गया कि रू0 4,000.00 जो परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने विपक्षी को भेजे थे, वह धनराशि 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से दिनांक 05.11.1994 से भुगतान की तिथि तक वापस कर दी जाय एवं रू0 1,000.00 क्षतिपूर्ति और रू0 500.00 वाद व्‍यय भी अदा किया जाय।

उपरोक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर0डी0 क्रान्ति उपस्थित आये। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है, जबकि प्रत्‍यर्थी को भेजी गई नोटिस बिना तामीला वापस प्राप्‍त हुई है और एक माह से अधिक का समय व्‍यतीत हो चुका है, ऐसी स्थिति में प्रत्‍यर्थी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त स्‍वीकार किया गया। यह अपील वर्ष-1998 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा कम्‍पनी के शेयर जारी किये गये और इस हेतु प्रार्थना पत्र आमंत्रित किये गये, जिस पर परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने 100 शेयर के लिए मु0 4,000.00 रू0 दिनांक

-2-

05.11.1994 को झॉसी से ड्राफ्ट बनवाकर विपक्षी को भेजे। विपक्षी को परिवादी का प्रार्थना पत्र एवं ड्राफ्ट सही समय पर मिल गया तथा परिवादी का प्रार्थना पत्र स्‍वीकार करते हुए विपक्षी ने परिवादी को जरिये एलाटमेंट एडवाइज सं0-106082 दिनांकित 22.9.1994 के माध्‍यम से 100 शेयर एलाट किया गया। परिवादी द्वारा विपक्षी के निर्देशानुसार बकाया रू0 4000.00 भी दिनांक 30.12.1994 को ड्राफ्ट के माध्‍यम से विपक्षी के पक्ष में शेयर एलाट करने की बावत जरिए रजिस्‍टर्ड पोस्‍ट भेज दी, परन्‍तु विपक्षी द्वारा शेयर प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया और काफी समय बीत जाने के बाद विपक्षी द्वारा परिवादी को दिनांक 10.7.1995 के पत्र द्वारा सूचित किया गया कि एलाटमेंट की धनराशि उन्‍हें प्राप्‍त नहीं हुई है और परिवादी से यह अपेक्षा की गई कि वह एलाटमेंट की धनराशि 4000.00 एवं दिनांक 22.10.1994 से 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज जोडते हुए 21 दिन के अन्‍दर परिवादी द्वारा विपक्षी को धनराशि भेज दी जाय अन्‍यथा परिवादी का शेयर प्रमाण पत्र विपक्षी द्वारा निरस्‍त कर दिया जायेगा।

इस संदर्भ में परिवाद पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से यह अभिवचित किया गया कि दिनांक 30.12.1994 को एलाटमेंट की धनराशि मु0 4000.00 का रजिस्‍ट्री ड्राफ्ट दिनांक 30.12.94 के माध्‍यम से विपक्षी के यहॉ भेज दिया गया था। तत्‍पश्‍चात विपक्षी द्वारा परिवादी को दिनांक 12.10.1995 के माध्‍यम से मूल एलाटमेंट एडवाइज और रू0 4,000.00 डिमाण्‍ड ड्राफ्ट मिलना स्‍वीकार किय गया, किन्‍तु उक्‍त ड्राफ्ट इस आशय के साथ परिवादी को लौटा दिया गया कि उक्‍त ड्राफ्ट Out Dated  हो गया है और परिवादी से यह अपेक्षा की गई कि वह नया ड्राफ्ट विपक्षी को भेज दे, तब परिवादी के संदर्भ में शेयर प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा। परिवाद पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से यह भी अभिवचित किया गया कि परिवादी द्वारा दिनांक 30.12.1994 को रू0 4000.00 का ड्राफ्ट, ड्राफ्ट सं0-151933 भेज दिया गया, जो विपक्षी को प्राप्‍त हो गया एवं ड्राफ्ट का Out Dated होने की बात जो विपक्षी द्वारा कही जाती है, वह स्‍वीकार किये जाने योग्‍य नहीं है, यदि शेयर प्रमाण पत्र परिवादी को भेज दिया जाता तो उसे रू0 3500.00 का लाभ हो जाता और विपक्षी इस लाभ से भी वंचित रहा। परिवाद पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से यह भी अभिवचित किया गया कि परिवादी द्वारा विपक्षी को प्रार्थना पत्र के साथ भेजा गया रू0 4000.00 अभी तक वापस नहीं लौटाया गया है, जो परिवादी प्राप्‍त करने का अधिकारी है और इस प्रकार परिवाद पत्र के माध्‍यम से एलाटमेंट हेतु प्रार्थना पत्र के साथ भेजा गया रू0 4000.00 और उक्‍त धनराशि पर ड्राफ्ट की तिथि 05.11.1994 और अदायगी तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ

-3-

दिलाये जाने हेतु अनुतोष की मॉग की गई एवं आर्थिक और मासिक क्षति हेतु रू0 25,000.00 और शेयर प्रमाण पत्र न मिल पाने के कारण रू0 3500.00 और वाद व्‍यय रू0 500.00 हेतु कार्यवाही की गई।

जिला मंच के समक्ष विपक्षी की ओर से प्रस्‍तुत लिखित कथन पर विचार नहीं किया गया एवं विपक्षी द्वारा एक पक्षीय आदेश को निरस्‍त किये जाने हेतु प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया था और इस प्रकार मुकदमें की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय चली, परन्‍तु जिला मंच द्वारा विपक्षी की ओर से प्रस्‍तुत लिखित कथन पर भी विचार किया गया और प्रश्‍नगत आदेश पारित किया गया।

वर्तमान प्रकरण में काफी हद तक तथ्‍य आविवादित है एवं विवाद केवल इस संदर्भ में है कि रू0 4000.00 जो बैंक ड्राफ्ट के माध्‍यम से दिनांक 30.12.1994 को परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा भेजा गया, वह विलम्‍ब से भेजा गया और Out Dated होने में परिवादी की लापरवाही है अथवा समय से भेजा गया और इस संदर्भ में विपक्षी/अपीलार्थी की सेवा में कमी है। अविवादित रूप से रू0 4000.00 का ड्राफ्ट दिनांकित 30.12.1994 परिवादी/प्रत्‍यर्थी को विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा वापस कर दिया गया एवं अविवादित रूप से परिवादी/प्रत्‍यर्थी के पक्ष में शेयर प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया क्‍योंकि रू0 4000.00 की धनराशि का ड्राफ्ट विपक्षी/अपलार्थी द्वारा परिवादी को यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि वह ड्राफ्ट Out Dated है। जिला मंच द्वारा अपने निर्णय में इस आशय का भी उल्‍लेख किया गया कि दो साल बीत जाने के पश्‍चात परिवादी/प्रत्‍यर्थी अब शेयर प्रमाण पत्र प्राप्‍त करने में दिलचस्‍पी नहीं रखता है, परन्‍तु अविवादित रूप से रू0 4000.00 की धनराशि जो एलाटमेंट के प्रार्थना पत्र के साथ परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा विपक्षी को ड्राफ्ट दिनांकित 05.11.1994 के माध्‍यम से भेज गया था, वह धनराशि विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा परिवादी/प्रत्‍यर्थी को वापस नहीं की गई है। अविवाद रूप से शेयर एलाटमेंट परिवादी के पक्ष में रू0 4000.00 के ड्राफ्ट भेजे जाने के फलस्‍वरूप दिनांक 22.9.1994 के लेटर आफ एकाउण्‍ट से स्‍पष्‍ट है। लेटर आफ एकाउण्‍ट के कालम तीन में रू0 4000.00 प्राप्‍तकर्ता का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है, जैसा ऊपर बतया गया कि विवाद केवल इस संदर्भ में है कि दिनांक 30.12.1994 को जो रू0 4000.00 का ड्राफ्ट, ड्राफ्ट सं0-151933 के माध्‍यम से भेजा गया, उसे विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा Out Dated कहते हुए वापस कर दिया गया, जब‍कि वह समय से भेजा गया था। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि रू0 4000.00 की धनराशि परिवादी/प्रत्‍यर्थी को अदा की जा चुकी है, यदि ऐसा है, तो निश्चित ही परिवादी/प्रत्‍यर्थी कोई भी धनराशि पाने का अधिकारी नहीं है, परन्‍तु वर्तमान

-4-

प्रकरण में Allotment Adivce No.-106082,  Folio No.-006582 के माध्‍यम से 100 शेयर परिवादी के पक्ष में एलाट किये गये और इस संदर्भ में रू0 4000.00 ड्राफ्ट के माध्‍यम से प्राप्‍त कर लिये गये, जो एलाटमेंट पत्र दिनांकित 22.9.1994 से भी स्‍पष्‍ट है एवं उभय पक्ष के अभिवचन को देखते हुए रू0 4000.00 की धनराशि जो एलाटमेंट के प्रार्थना पत्र के साथ परिवादी/ प्रत्‍यर्थी द्वारा विपक्षी/अपीलार्थी को दिनांक 05.11.1994 के ड्राफ्ट के माध्‍यम से भेज दी गई थी, उस धनराशि का विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा परिवादी/प्रत्‍यर्थी को वापस किये जाने का कोई अभिलेख प्रस्‍तुत नहीं है। ऐसी स्थिति में रू0 4,000.00 जो दिनांक 05.11.1994 को ड्राफ्ट के माध्‍यम से विपक्षी/अपीलार्थी को परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा भेजा गया था, वह दिनांकित 05.11.1994 से भुगतान की तिथि तक ब्‍याज सहित परिवादी/प्रत्‍यर्थी पाने का अधिकारी है।

     विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा रू0 4000.00 का ड्राफ्ट जो दिनांक 30.12.1994 को भेजा गया था, उसे Out Dated कहते हुए परिवादी को वापस कर दिया गया और यह भी कहा गया कि यदि परिवादी रू0 4000.00 और उस पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज सहित पुन: ड्राफ्ट भेज दें, तो शेयर प्रमाण पत्र विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा निर्गत कर दिया जायेगा, चूंकि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा रू0 4000.00 का ड्राफ्ट  दिनांक 30.12.1994 को वापस कर दिया गया, ऐसी स्थिति में मुकदमें की सम्‍पूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए क्षतिपूर्ति के संदर्भ में जो आदेश पारित है, वह उचित नहीं पाया जाता है।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत परिवाद उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष पोषणीय नहीं है और इस संदर्भ में पीठ का ध्‍यान मा0 राष्‍ट्रीय आयोग की नजीर Usha Rectifier Corporation (I) Ltd. Vs. R. Krishnaswamy 1996 CCJ 161 की ओर आकर्षित किया गया और यह कहा गया कि धनराशि जमा किये जाने के बावजूद भी यदि शेयर का एलाटमेंट हेतु परिवाद उपभोक्‍ता फोरम के क्षेत्राधिकार से परे है और ऐसी स्थिति में परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। उपरोक्‍त वर्णित नजीर का लाभ वर्तमान प्रकरण में अपीलार्थी को प्राप्‍त नहीं है, क्‍योंकि वर्तमान प्रकरण में शेयर का एलाटमेंट परिवादी/प्रत्‍यर्थी के पक्षमें विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा कर दिया गया था। यह तथ्‍य शेयर एलाटमेंट के संदर्भ में जारी पत्र से स्‍पष्‍ट होता है और यह तथ्‍य अविवादित है। जैसा ऊपर बताया गया कि अब विवाद केवल यह रहा कि शेष धनराशि 4000.00 रू0 अदा न करने के कारण शेयर प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया और इस प्रकार वर्तमान प्रकरण में जैसा ऊपर बताया गया कि उपरोक्‍त वर्णित नजीर अपीलार्थी को सहायक नहीं है।

     -5-

सम्‍पूर्ण विवेचना के आधार पर पीठ इस निष्‍कर्ष पर पहुंचती है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी एलाटमेंट के संदर्भ में प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत करते समय ड्राफ्ट दिनांकित 05.11.1994 के माध्‍यम से रू0 4000.00 विपक्षी को भेजा था, वह धनराशि परिवादी/प्रत्‍यर्थी मय ब्‍याज के पाने का अधिकारी है एवं क्षतिपूर्ति हेतु पारित आदेश भी मुकदमें की सम्‍पूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए उचित नहीं पाया जाता है। जिला मंच द्वारा रू0 4000.00 पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज दिलाये जाने हेतु अनुतोष प्रदान किया गया है, जो मुकदमें की सम्‍पूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए उचित नहीं है एवं पीठ इस मत में ब्‍याज की दर 18 प्रतिशत के स्‍थान पर 06 प्रतिशत दिलाया जाना उचित होगा। प्रस्‍तुत अपील तद्नुसार अंशत: स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील अंशत: स्‍वीकार करते हुए जिला मंच, झॉसी द्वारा परिवाद सं0-233/1996 श्री अशोक कुमार गुप्‍ता बनाम नाथ शीड्स लिमिटेड में पारित आदेश दिनांक 06.02.1997 में 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज संशोधित किया जाता है एवं रू0 1000.00 क्षतिपूर्ति की बावत पारित आदेश अपास्‍त किया जाता है तथा निर्णय/आदेश के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।

 

 

         (जे0एन0 सिन्‍हा)                    (संजय कुमार)

         पीठासीन सदस्‍य                            सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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