सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
परिवाद संख्या– 152/2012
आलोक कुमार सोनी, उम्र 30 वर्ष पुत्र श्री प्रेम चन्द सोनी, पालिका बाजार, कपूरथला, अलीगंज लखनऊ।
बनाम
1-ए०के०जी० इन्फ्राटेक प्रा०लि० सेकेण्ड फ्लोर, सुपर शॉपिंग काम्पलेक्स, नियर कुकरैल ब्रिज, फैजाबाद रोड, लखनऊ द्वारा अर्थराइज्ड सिग्नेचरी।
2- लखनऊ प्रापर्टी मार्ट नियर साहू सिनेमा हॉंल 58- हजरतगंज लखनऊ द्वारा अर्थराइज्ड सिग्नेचरी।
समक्ष:-
माननीय श्री गोवर्धन यादव, सदस्य
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
परिवादी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता, श्री विकास अग्रवाल
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित: कोई उपस्थित नहीं।
दिनांक: 17-08-2021
माननीय श्री गोवर्धन यादव, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादी श्री आलोक कुमार सोनी ने विपक्षीगण, 1- ए०के०जी० इन्फ्राटेक प्रा०लि० सेकेण्ड फ्लोर, सुपर शॉपिंग काम्पलेक्स, नियर कुकरैल ब्रिज, फैजाबाद रोड लखनऊ एवं 2- लखनऊ प्रापर्टी मार्ट, नियर साहू सिनेमा हॉंल 58- हजरतगंज लखनऊ द्वारा अर्थराइज्ड सिग्नेचरी के विरूद्ध धारा-17 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
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इस परिवाद-पत्र के माध्यम से परिवादी ने आवंटित फ्लैट संख्या– 402 का आवंटन पत्र, जमा धनराशि पर ब्याज, मानसिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति, एवं वाद व्यय आदि की मांग की है।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षीगण की सुशान्त गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड, जनपद लखनऊ स्थित "Sky line Plaza-1" योजना में दिनांक 12-05-2012 को अखबार में प्रकाशित विज्ञापन से प्रेरित होकर विपक्षी संख्या-1के कार्यालय जाकर योजना के बारे में पता किया। वहॉं कार्यालय में मौजूद विपक्षीगण के कर्मचारी/अधिकारियों द्वारा परिवादी को योजना की खासियतों एवं लाभ के बारे में बताया गया जिससे आकृषित होकर परिवादी ने औपचारिकताओं को पूरा करते हुए दिनांक 17-05-2012 को 1,50,000/-रू० (एक लाख पचास हजार रू०) अदा कर विपक्षी की योजना में फ्लैट की बुकिंग करा दिया। बुकिंग के दौरान विपक्षीगण द्वारा परिवादी को यह आश्वासन दिया गया कि योजना का लेआउट लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है तथा 6 माह में फ्लैट का कब्जा परिवादी को प्रदान कर दिया जाएगा और फ्लैट की शेष धनराशि फ्लैट के कब्जे के समय देय होगी। बुकिंग के दौरान परिवादी को यह भी बताया गया था कि उसको आवंटित यूनिट/फ्लैट का क्षेत्रफल 903 वर्गफिट का है जो 3000/-रू० प्रति वर्ग फिट की दर से यूनिट/फ्लैट की कुल कीमत 27,09,000/- रू० (सत्ताइस लाख नौ हजार रूपये मात्र) है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि कई बार विपक्षीगण से आवंटन-पत्र और भुगतान विवरण की मांग करने पर भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी के पक्ष में फ्लैट संख्या-402 का आवंटन पत्र नहीं दिया गया और न ही भुगतान का विवरण दिया गया। इस सम्बन्ध में परिवादी
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ने विपक्षी संख्या-1 को पत्र दिनांकित 03-11-2012 भेजकर योजना का स्वीकृत मानचित्र तथा ले-आउट प्लान की भी मांग की तो परिवादी को विपक्षीगण की ओर से धमकियां मिली और एक सप्ताह में 3,96,296/- रू० तथा 12,46,357/-रू० का दो मांग पत्र क्रमश: दिनांक 02-11-2012 एवं दिनांक 09-11-2012 प्राप्त हुये जिसमें सात दिन के अन्दर भुगतान न करने पर फ्लैट का आवंटन निरस्त करने को कहा गया है। इससे परिवादी को मानसिक क्षति पहॅुची है। विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है और अनुचित व्यापार पद्धति अपनायी है। अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद प्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण ने अपने लिखित कथन मय शपथ-पत्र दिनांकित 29-05-2013 के माध्यम से परिवाद पत्र का विरोध किया तथा परिवाद खारिज करने की मांग की है। विपक्षीगण ने माना है कि उसने "Sky line Plaza-1" योजना में परिवादी को यूनिट/फ्लैट संख्या-402 आवंटित किया है जिसका मूल्य 27,09,000/-रू० था। परिवादी को आवंटन शर्तों के अनुसार आवंटित फ्लैट के मूल्य की 10 प्रतिशत धनराशि अर्थात 2,70,900/-रू० आवंटन के दौरान जमा करना था परन्तु ऐसा न करके परिवादी ने मात्र 1,50,000/- ही जमा किया और उसके बाद कोई भी किस्त नहीं दी। परिवादी का यह कहना कि शेष धनराशि कब्जे के समय देय थी, गलत है। परिवादी को भुगतान सारणी के अनुसार किस्तों का भुगतान करना था। मौके पर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। विपक्षीगण ने अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा-7 में भुगतान सारणी भी उल्लिखित किया है जिसके अनुसार परिवादी को भुगतान करना था परन्तु परिवादी द्वारा समय से भुगतान नहीं किया गया। परिवादी से 1,50,000/-रू० का भुगतान लेने के पूर्व नियम व शर्तों के बारे में बता दिया गया था।
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विपक्षीगण ने कई बार परिवादी को मांग पत्र प्रेषित किया परन्तु परिवादी ने कोई भुगतान नहीं किया।
विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र के साथ संलग्नक के रूप में अहस्ताक्षतित 20 पृष्ठों वाली फ्लैट बायर एग्रीमेंट की प्रति निर्माणाधीन योजना के फोटोग्राफ तथा 4 पन्नों का परिवादी के आवेदन पत्र की प्रति दाखिल की है।
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में दिनांक 19-10-2016 को शपथ-पत्र के माध्यम से साक्ष्य प्रस्तुत किया है। साक्ष्य के तौर पर विज्ञापन की प्रति, 1,50,000/-रू० अग्रिम भुगतान की रसीद, विपक्षी संख्या-1 को प्रेषित पत्र की प्रति, विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित मांग पत्रों की प्रतियां तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण से प्राप्त सूचना दिनांकित 31-01-2013 की प्रति दाखिल की है।
हमने प्रस्तुत परिवाद-पत्र का अवलोकन किया और उभय-पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों का सूक्ष्मता से परिशीलन किया।
पत्रावली के अवलोकन से पाया गया कि दिनांक 23-11-2012 को यह परिवाद अंगीगृत होकर दिनांक 14-01-2013 को विपक्षीगण के लिखित कथन हेतु नोटिस जारी हुआ तथा दिनांक 23-11-2012 को ही परिवादी के पक्ष में अंतरिम आदेश पारित किया गया जिसमें आवंटित फ्लैट का आवंटन निरस्त करने से विपक्षीगण को रोका गया। पत्रावली के अवलाकन से ज्ञात होता है कि विपक्षीगण की ओर से अपना साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया। विपक्षीगण ने साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु कई बार समय मांगा परन्तु दाखिल नहीं किया। अत: दिनांक 30-08-2019 को विपक्षीगण के साक्ष्य का अवसर समाप्त किया गया। दिनांक 29-07-2021 को परिवाद में अंतिम सुनवाई हेतु तिथि नियत थी परन्तु
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विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया इसलिए विपक्षीगण को पुन: अंतिम अवसर प्रदान करते हुए पंजीकृत डाक के माध्यम से सूचना दिनांक 30-07-2021 को प्रेषित की गयी। परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादी ने विपक्षीगण की सुशान्त गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ स्थित "Sky line Plaza-1" योजना में दिनांक 17-05-2012 को यूनिट/फ्लैट संख्या-402 की बुकिंग करायी थी। फ्लैट का क्षेत्रफल 903 वर्गफिट है जिसका मूल्य 27,09,000/-रू० था। बुकिंग से समय परिवादी ने चेक के माध्यम से मात्र 1,50,000/- जमा किया था जिसकी प्रति रसीद 12-13/0063 दिनांकित 17-05-2012 की छायाप्रति संलग्नक संख्या-2 के रूप में पत्रावली पर मौजूद है जिस पर यूनिट नं के सामने 402 अंकित है। यूनिट फ्लैट के आवंटन हेतु विपक्षीगण द्वारा इस रसीद के अलावा परिवादी के पक्ष में आवंटन पत्र कभी जारी नहीं किया गया। विपक्षी संख्या-1 को पत्र दिनांकित 03-11-2012 प्रेषित कर परिवादी ने योजना का स्वीकृत मानचित्र तथा ले-आऊट प्लान की मांग की तो विपक्षीगण की ओर से परिवादी को 3,96,296/-रू० तथा 12,46,357/- रू० के दो मांग पत्र प्रेषित किये गये जो अनुचित है। परिवादी को जनसूचना अधिनियम के तहत प्राप्त सूचना दिनांकित 31-01-2013 से ज्ञात हुआ कि विपक्षीगण की "Sky line Plaza-1" योजना का मानचित्र प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नहीं हुआ है। इस सूचना से स्पष्ट है कि दिनांक 31-01-2013 तक विपक्षीगण की योजना का मानचित्र ही स्वीकृत नहीं हुआ था।
विपक्षीगण की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य पत्रावली पर दाखिल नहीं किया गया है जिससे यह साबित हो सके कि उसकी योजना "Sky line Plaza-1" का
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मानचित्र सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृत था। प्रतिवाद पत्र में यह कहीं भी उल्लिखित नहीं किया गया है कि योजना का मानचित्र किस तिथि को स्वीकृत हुआ अथवा मानचित्र हेतु प्राधिकरण के समक्ष कब आवेदन किया गया। विपक्षीगण यह साबित करने में भी असफल रहे हैं कि परिवादी को भुगतान सारिणी से अवगत कराया गया था। परिवादी के बार-बार लिखित अनुरोध पर भी विपक्षीगण द्वारा न तो आवंटन पत्र परिवादी को उपलब्ध कराया गया और न ही भुगतान सारणी परिवादी को प्राप्त करायी गयी जो विपक्षीगण की सेवा में कमी है। बिना मानचित्र की स्वीकृति के परिवादी से आवंटित फ्लैट के लिए उपरोक्त धनराशि की मांग करना अनुचित व्यापार प्रथा का द्योतक है।
अत: यह न्यायसंगत प्रतीत होता है कि "Sky line Plaza-1" योजना के मानचित्र स्वीकृति के बाद निर्माण पूर्ण होने पर विपक्षीगण आवंटित यूनिट/फ्लैट संख्या- 402 की कीमत 27,09,000/-रू०पर परिवादी के पक्ष में विक्रय विलेख निष्पादित करें। साथ ही परिवादी की जमा धनराशि 1,50,000/-रू० पर ब्याज दिलाया जाना भी न्यायसंगत होगा। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण से परिवादी को 50,000/-रू० हर्जा एवं 10,000/-रू० वाद व्यय दिलाया जाना भी उचित प्रतीत होता है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि सुशान्त गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ स्थित "Sky line Plaza-1" योजना में फ्लैट संख्या-402 का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरान्त परिवादी से 27,09,000/-रू० प्राप्त कर उसे
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कब्जा प्रदान करें और विक्रय विलेख निष्पादित करें। परिवादी से 27,09,000/-रू० के अतिरिक्त अन्य कोई धनराशि की मांग विपक्षीगण द्वारा न की जाए। विपक्षीगण द्वारा परिवादी की जमा धनराशि 1,50,000/-रू० मय 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण वार्षिक ब्याज के साथ जमा की तिथि से 27,09,000/-रू० में समायोजित करेंगे। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण परिवादी को 50,000/-रू० हर्जाना एवं 10,000/-रू० वाद व्यय भी अदा करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (गोवर्धन यादव)
सदस्य सदस्य
कृष्णा- आशु०
कोर्ट नं० 2