30.05.2024 पत्रावली पेश हुई। उभयपक्ष की तरफ से इस आशय का सुलहनामा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है कि बीमा कम्पनी, परिवादिनी के दावा के प्रति 25,00,000/-रू० (पच्चीस लाख रूपये) मात्र देने को तैयार है और परिवादिनी 25,00,000/- रू० (पच्चीस लाख रूपये) पूर्ण संतुष्टि एवं अन्तिम भुगतान के रूप में प्राप्त करने को तैयार है। उपरोक्त सुलह समझौता की धनराशि का भुगतान बीमा कम्पनी आदेश प्राप्त करने दिनांक से दो माह के अन्दर करेगी अन्यथा उक्त धनराशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से बीमा कम्पनी अदा करेगी। सुलहनामा सभी विधिक प्रतिनिधियों एवं आश्रितों यथा पति, पत्नी, पुत्र-पुत्रियों एवं माता, पिता : जैसी भी स्थिति हो, के पक्ष में किया जा रहा है। इस दुर्घटना/दावा से सम्बन्धित यदि कोई अन्य वाद किसी भी न्यायालय में लम्बित होगा तो उसका समस्त उत्तरदायित्व परिवादिनी का होगा और बीमा कम्पनी उपर्युक्त समझौते के आधार पर मुक्त समझी जायेगी। सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादिनी एवं विपक्षी बीमा कम्पनी के मध्य इस आशय से समझौता हुआ है कि आदेश प्राप्त करने के दिनांक से दो माह के अन्दर विपक्षी बीमा कम्पनी, परिवादिनी को 25,00,000/- रू० (पच्चीस लाख रूपये) पूर्ण संतुष्टि एवं अन्तिम भुगतान के रूप में भुगतान करने को तैयार है। अन्यथा उक्त धनराशि 25,00,000/- रू० (पच्चीस लाख रूपये) पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से बीमा कम्पनी अदा करेगी। अतः उभयपक्ष के मध्य हुए सुलह-समझौते के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद निस्तारित किये जाने योग्य है। आदेश प्रस्तुत परिवाद उभयपक्ष के मध्य हुए सुलह-समझौते के अन्तर्गत निरस्तारित किया जाता है। विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि आदेश पारित होने के 02 माह के अन्दर परिवादिनी को 25,00,000/-रू० (पच्चीस लाख रूपये) पूर्ण संतुष्टि एवं अन्तिम भुगतान के रूप में प्राप्त कराना सुनिश्चित करे। आदेशित अवधि में विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिनी को धनराशि न अदा करने की दशा में विपक्षी बीमा कम्पनी, परिवादिनी को आदेशित धनराशि 25,00,000/- रू० (पच्चीस लाख रूपये) मय 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की अन्तिम तिथि तक भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। उभयपक्ष द्वारा प्रस्तुत सुलहनामा प्रार्थना पत्र आदेश का अंश रहेगा। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा सुलहनामा की शर्तों का पालन न करने पर उपरोक्त आदेश स्वतः निरस्त समझा जाएगा।
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